डॉक्टर अपने अनुभव से आपको कोरोना की दवाई नहीं देते। जो सरकार ने दिशा निर्देश दिए हैं उसी के हिसाब से डॉक्टर आपको दवाई देते हैं। अगर किसी मरीज को कोरोना का इंफेक्शन हुआ है, उसको हॉस्पिटल भेजना है कि नहीं, घर पर आइसोलेट करना है, कौन सी दवाइयां देनी है, यह सब कुछ सरकार के दिशा निर्देश पर डॉक्टर डिसाइड करते हैं। अगर किसी मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है, उसको वेंटिलेटर पर डालना है कि नहीं, उसको कौन सी steroids देनी है कितनी देनी है सब कुछ सरकार के दिशा निर्देश पर ही डॉक्टर देते हैं।
यह virus डॉक्टर्स के लिए नया है। कोई नहीं जानता है कि इस वायरस को कैसे रोका जा सकता है, कैसे इसका असर कम किया जा सकता है, जो भी रिसर्च होती है जो भी शोध कार्य होता है, उसको सरकार पररखती है और उसी के बाद उनकी एक्सपर्ट की टीम डिसाइड करती है कि क्या इलाज देना चाहिए और किसी इलाज को डॉक्टर्स भी फॉलो करते हैं।